रक्षा बजट: नहीं हुई कोई बढ़ोतरी, घटी सिर्फ कस्टम डयूटी
इस बार के रक्षा बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रक्षा मंत्रालय के लिए कुछ खास घोषणा नहीं की, लोगों को उम्मीद थी कि इस बार के रक्षा बजट में वो भी कुछ न कुछ बढ़ोतरी जरूर करेंगी। जिससे सेनाओं को उपकरण खरीदने और अपने को और आधुनिक करने में मदद मिलेगी। संसद में पेश किए जाने वाले बजट के दौरान सभी की निगाहें इस पर लगी थीं मगर उनको निराशा ही हाथ लगी।
पूरे बजट के दौरान उन्होंने डिफेंस के लिए एक शब्द भी नहीं कहा। मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिलीज में सिर्फ एक बात का ही जिक्र किया गया कि भारत में निर्मित रक्षा उपकरण मूल सीमा शुल्क से मुक्त नहीं रखे जाएंगे।
इस वजह से रक्षा बजट में नहीं हुआ कुछ
रक्षा मंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह ने एक व्यवस्था लागू की थी कि अब तीनों सेना प्रमुख 300 करोड़ रूपये तक की खरीद फरोख्त अपने स्तर से कर सकते हैं। उनको इसके लिए किसी तरह के एप्रुवल की जरूरत नहीं होगी। वो अपने हिसाब से सेना के लिए जरूरी उपकरण खरीद सकेंगे। पिछली बार रक्षा बजट 2.7 लाख करोड़ रूपये का था जो अब बढ़कर 3 लाख करोड़ रूपये तक पहुंच चुका है। यदि बीते 6 सालों के बजट को देखें तो हर बार के रक्षा बजट में बढ़ोतरी हुई है मगर इस बार रक्षा मंत्री ने इसमें कुछ बढ़ोतरी नहीं की। रक्षा मामलों से जुड़े लोगों ने इस पर हैरानी भी जताई है।
उनका कहना है कि निर्मला सीतारमण पहले रक्षा मंत्री रह चुकी हैं, इस वजह से उनसे तो यही उम्मीद थी कि वो इसमें बढ़ोतरी जरूर करेंगी, वहीं दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि चूंकि वो रक्षा मंत्री रह चुकी हैं इस वजह से उनको ये बेहतर पता है कि सेना को 300 करोड़ की खरीदारी का अधिकार है, इस वजह से इसमें और बढ़ोतरी किए जाने की गुंजाइश नहीं है। चूंकि भारत की अर्थव्यवस्था दूसरे तरह की है इस वजह से यहां बाकी सेक्टरों पर अधिक ध्यान दिए जाने का जरूरत है ना की रक्षा बजट में और अधिक बढ़ोतरी किए जाने की।
साल दर साल रक्षा बजट में बढ़ोतरी
2014-15: मोदी सरकार ने 2014-15 में रक्षा बजट 2 लाख 29 हज़ार करोड़ कर दिया। रक्षा बजट में यह बढ़ोतरी 10 प्रतिशत की थी।
2015-16: वित्त वर्ष 2015-16 में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ रक्षा बजट 2 लाख 46 हज़ार करोड़ रुपये किया गया था।
2016-17: वित्त वर्ष 2016-17 में रक्षा बजट में कुल 9.3 प्रतिशत का इज़ाफा किया गया और यह बढ़ कर 2 लाख 56 हज़ार करोड़ हो गया।
2017-18: वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रक्षा क्षेत्र के लिये 2 लाख 74 हज़ार करोड़ रुपये आवंटित किये थे। यह कुल बजट राशि का 12.78 प्रतिशत और जीडीपी का 1.56 फीसदी था।
2018-19: सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे जो पिछले साल के 2.74 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 7.81 फीसदी ज्यादा थे।
2019-20: वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए रक्षा बजट में 6.87 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और यह 3.18 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। ये मोदी सरकार का अंतरिम बजट था जिसे पीयूष गोयल ने पेश किया था।
रक्षा क्षेत्र में ये देश करते हैं सबसे ज्यादा खर्च
– अमेरिका का रक्षा बजट 39 लाख करोड़ रुपये
– चीन का रक्षा बजट 11.4 लाख करोड़ रुपये
– सऊदी अरब का रक्षा बजट 3.6 लाख करोड़ रुपये
– भारत का रक्षा बजट 3.2 लाख करोड़ रुपये
– यूके का रक्षा बजट 2.9 लाख करोड़ रुपये
– रूस का रक्षा बजट 2.9 लाख करोड़ रुपये
– जापान का रक्षा बजट 2.8 लाख करोड़ रुपये
– दक्षिण कोरिया 2.8 लाख करोड़ रुपये
– जर्मनी का रक्षा बजट 2.5 लाख करोड़ रुपये
– फ्रांस का रक्षा बजट 2.4 लाख करोड़ रुपये